साथ नही मेरे यह ,बाद में काम आयेगी , साड़ियां ही मेरी यह ,याद तो दिलाएगी ।। खर्च ये फिजूल नहीं ,तू भी कोई गैर नहीं कर्ज है ये मेरे सर , तुझे न सताएगी ।। आज बात माने नहीं , तू भी कल रुलायेगी कोष-कोष मुझे तू भी , चैन नहीं पाएगी ।। दुआ मैं भी देता सदा , तू भूल नहीं पायेगी मेरे ही शृंगार से तू , गैर को लुभाएगी ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR साथ नही मेरे यह ,बाद में काम आयेगी , साड़ियां ही मेरी यह ,याद तो दिलाएगी ।। खर्च ये फिजूल नहीं ,तू भी कोई गैर नहीं कर्ज है ये मेरे सर , तुझे न सताएगी ।। आज बात माने नहीं , तू भी कल रुलायेगी कोष-कोष मुझे तू भी , चैन नहीं पाएगी ।।