आपबीती के, पन्ने भर रहा हूँ आज ।। मरोड़े कुछ टुकड़े, मैंने कागज़ों के, तेरी यादों के साथ । कोने में दे फेंके ! मोमबत्ती की रोशनी, जैसे ज़िन्दगी तड़प रही जलती लौ में उसकी । मोम गिरा, कुछ लम्हों सा, और वो कागज़ जल उठे बुझाई नहीं मैंने वो आग, ज़रुरत नहीं समझी । क्या फायदा जब, यादें जल चुकी हैं ।। आपबीती #CalmKaziWrites #YQBaba #YQDidi #Memories #Burn #Candle #Flame Click on #WaqtKiDosti for more musings