बुढ़ापा (बुजुर्ग)
मालूम है मुझकों ढलना है इक दिन,
फिर भी नाजाने ये उलझन है बनी,
सोचता हूँ जब होंगे हम बुड्ढे ,
कैसी हमारी शक्ले होंगी,
हाथो में लाठी आंखों पर चश्मा सजा होगा,
मालूम है मुझकों ढलना है इक दिन, #yqbaba#yqdidi#मुस्कुराहट#बुढापा#pchawla16#yqpowrimo