एक दूजे पे मर जाते क्यों हैं, लोग मोहब्बत में शर्माते क्यों हैं, कहने को तो कहनी हैं दो बातें ही बस, दो बातों को कहने में घबराते क्यों हैं....! दो बातों को कहने में घबराते क्यों हैं......!