"बस तुमने कहाँ,,, कि तुम बहुत खुबसुरत हो, बस! तेरा इतना कहना ही, दिन-ब-दिन मेरी खुबसुरती पर चार चाँद लगाने के लिए बहुत हैं|" 📒🖌गीता शर्मा 'प्रणय' खुबसुरत #