यूँ तग़ाफ़ुल की इंतिहा कीजे, उन को उशशाक ना कहा कीजे.. शेर सुन कर मिरा कहा सब ने, पहले मिसरे को दूसरा कीजे.. चांदनी चुभ रही है आंखों में, ज़ुल्फ़ की छांव को घना कीजे.. ©Zohaib Amber (عمبر امروہوی) #छांव #शेर #पहला_मिसरा #इंतिहा