बात तब की है जब ईश्वर ने पुरूष और स्त्री की रचना की....
स्त्री ने ईश्वर से कहा..यह तो अन्याय है प्रभु...जीवन चक्र की दो धुरी के निर्माण में आपने एक को इतना बलशाली दूसरे को उसके समकक्ष तक का भी नही.......तब ईश्वर ने स्त्रियों को त्रिया चरित्र का उपहार दिया...और कहा यदि तुम इसे उपयोग में ला पाओ तो सभी बलशाली अपने अधीन पाओगी.....
किवन्दिती या मज़ाक मात्र...पता नही पर इसी पर आधारित कुछ कच्ची पक्की सी पंक्तियां
कुछ यूं ही सा.... #कविता