जब वक्त बदल जाता है, तब ,बेवक्त वक्त मिलता नहीं ।। है यही एक आईना क्या ? हर मुक्कमल इश्क का ।। बीते यादों के सिवा, लम्हा नया मिलता नहीं ।। वक्त बदल जाता है, तब ,बेवक्त वक्त मिलता नहीं ।। हर रोज की तरह ही तो, हम बैठे थे इंतजार में।। ख़बर हमें उनकी ना थी, जो थी किसी के प्यार में।। आम हो गए थे हम भी, खास अब कोई और था ।। हर खुमारी के शिला का, अश्क कोई और था।। बेअदब आंखो से उनका, अक्श क्यों ढलता नहीं ।। वक्त बदल जाता है, तब ,बेवक्त वक्त मिलता नहीं ।। बीते यादों के सिवा, लम्हा नया मिलता नहीं ।। #Dedicated_Thought ©Alok P Gaurav #वक्त Ashutosh Saraf Suyash pathak A.sahu🖋️ 📒 Rajesh Kumar