ye इत्तेफाक ही तो है जो लिख पा रहे है हम वरना तुम्हारे खयालों से फुर्सत ही कहां होती है फिर भी तुम्हारे ही नजारों को लिख पा रहे है हम वरना हमारी कलम को कुछ और लिखने की इजाजत ही कहां होती है ©Shivam Choudhary इत्तेफाक और इजाजत #Ittefaaq