वही वो है, वहीँ हम है, वही तन्हाई वही गम है वही नम आँखे है मेरी वही दिल को जलाती विरहा की अगन है वही टुटा हुआ दर्पण है, वही खाली खाली मन है जलाने वाले हाथ है वही वही मेरा जलता बदन है वही गम ,वही मायूसी वही तन्हाई गया साल एक और मगर वो नही आई,, वो नहीं आई ©मेरे अल्फाज़ मेरा दर्द #Pant