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रचना दिनांक,,,17,,, नवम्बर,,,2024,, वार,,, रविवार

रचना दिनांक,,,17,,, नवम्बर,,,2024,,
वार,,, रविवार
समय,, सुबह ्््पांच बजे
््््निज विचार ्््
््््भावचित्र ्््
्््छाया चित्र बहुत सुंदर सुबह सुबह सुर्य उदय और अस्त के बीच एक मनमाना
जीवंत बम्ह कर्म भूमि वर्चस्व कायम जीवन कर्म भूमि,
 मुक्ति मोक्ष कारकं दिव्य ज्योति प्रकट हुए जीवन सफल बनाएं ्््
््््््

््््सच तो सच है वह अदभुत है जो धरती पर नहीं अखिल विश्व में सबसे विश्वसनीय है,,
लेकिन किन्तु परन्तु मैं जिंदगी में सनातन विचार एक कल्पवृक्ष है।।1 ।।
जिसकी यशगाथा में अनेकानेक अध्यात्मिक गुरु गुरुवर्य आराध्यमं पुज्यं बृहस्पति,,
 और असूर गुरु रसायन शास्त्र ज्ञान संजीवनी बूटी लक्ष जलचिकित्सा जप धनवंतरी पूजणऔषधीय गुणान्चा जीवन में शुक्राचार्य कई असूरेन्द़ राजा महाराजा इस धरा पर प्रतापी आये गये।।2 ।।
 और कई धर्मावलंबी सम़ाट सतयुग, त्रेता युग,व्दापरयुग में अवतरित देवत्व प्रगट या प्राकट्य हुऐं है ््,,
कुछ अवतार में भगवान परशुराम जी ,कपिल, मुनि, महावीर स्वामी, गौतम बुद्ध, ऐसे अनेक उदाहरण है।।3 ।।
 जो धरती पर साकार लोक में एक जीवंत ईश्वरीय शक्ति पूंज नमो नमः अस्ति जलशायिने जलमध्ये वराह,मत्स्य, कच्छप, नृसिंह अवतार,,
त्रेतायुग में ,और अग्नि देव यज्ञ फलमं से हविष्य खीर से त्रिभागं दशरथ भार्या बसूनामष्टमस्य कौशल्या,सुमित्रा,कैकयी रानियों में हविष्यत्रिभागं जन्म महोत्सव सुंदर कारणं धर्म कर्म मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम रघुवंश ।।4 ।।
वरदान ब़म्ह देव प्रसाद रावणं कुंभकर्ण मेघनाद,प्रृथ्वीतले परिभ़मणं लोककल्याणं नरलीला जनमानस में एकात्मकता समरुपता से सजाया गया।।5 ।।
 जिसे हम अनुसरण करें जनसेवा ही मानव सेवा है,, 
यही कर्म भूमि वर्चस्व है जो आया है।।6 ।।
 धरती पर उसे मृत्युलोक से जाना ना कोई संदेश है ,,
ना कोई बहाना है यही ईश्वर सत्य का आख्यान संहिता में खजाना है।।7 ।।
     निज विचार
           ‌‌।  ्््््कवि शैलेंद्र आनंद

©Shailendra Anand  Entrance examination भक्ति वीडियो
्््््कवि शैलेंद्र आनंद
रचना दिनांक,,,17,,, नवम्बर,,,2024,,
वार,,, रविवार
समय,, सुबह ्््पांच बजे
््््निज विचार ्््
््््भावचित्र ्््
्््छाया चित्र बहुत सुंदर सुबह सुबह सुर्य उदय और अस्त के बीच एक मनमाना
जीवंत बम्ह कर्म भूमि वर्चस्व कायम जीवन कर्म भूमि,
 मुक्ति मोक्ष कारकं दिव्य ज्योति प्रकट हुए जीवन सफल बनाएं ्््
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््््सच तो सच है वह अदभुत है जो धरती पर नहीं अखिल विश्व में सबसे विश्वसनीय है,,
लेकिन किन्तु परन्तु मैं जिंदगी में सनातन विचार एक कल्पवृक्ष है।।1 ।।
जिसकी यशगाथा में अनेकानेक अध्यात्मिक गुरु गुरुवर्य आराध्यमं पुज्यं बृहस्पति,,
 और असूर गुरु रसायन शास्त्र ज्ञान संजीवनी बूटी लक्ष जलचिकित्सा जप धनवंतरी पूजणऔषधीय गुणान्चा जीवन में शुक्राचार्य कई असूरेन्द़ राजा महाराजा इस धरा पर प्रतापी आये गये।।2 ।।
 और कई धर्मावलंबी सम़ाट सतयुग, त्रेता युग,व्दापरयुग में अवतरित देवत्व प्रगट या प्राकट्य हुऐं है ््,,
कुछ अवतार में भगवान परशुराम जी ,कपिल, मुनि, महावीर स्वामी, गौतम बुद्ध, ऐसे अनेक उदाहरण है।।3 ।।
 जो धरती पर साकार लोक में एक जीवंत ईश्वरीय शक्ति पूंज नमो नमः अस्ति जलशायिने जलमध्ये वराह,मत्स्य, कच्छप, नृसिंह अवतार,,
त्रेतायुग में ,और अग्नि देव यज्ञ फलमं से हविष्य खीर से त्रिभागं दशरथ भार्या बसूनामष्टमस्य कौशल्या,सुमित्रा,कैकयी रानियों में हविष्यत्रिभागं जन्म महोत्सव सुंदर कारणं धर्म कर्म मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम रघुवंश ।।4 ।।
वरदान ब़म्ह देव प्रसाद रावणं कुंभकर्ण मेघनाद,प्रृथ्वीतले परिभ़मणं लोककल्याणं नरलीला जनमानस में एकात्मकता समरुपता से सजाया गया।।5 ।।
 जिसे हम अनुसरण करें जनसेवा ही मानव सेवा है,, 
यही कर्म भूमि वर्चस्व है जो आया है।।6 ।।
 धरती पर उसे मृत्युलोक से जाना ना कोई संदेश है ,,
ना कोई बहाना है यही ईश्वर सत्य का आख्यान संहिता में खजाना है।।7 ।।
     निज विचार
           ‌‌।  ्््््कवि शैलेंद्र आनंद

©Shailendra Anand  Entrance examination भक्ति वीडियो
्््््कवि शैलेंद्र आनंद