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मंदिर के दो स्तम्भ और ( वैलेंटाइन डे ) , खलील जि

मंदिर के दो स्तम्भ और 

( वैलेंटाइन डे )
, खलील जिब्रान ने ठीक ही  कहा हैँ  कि
सच्चे  प्रेमी  मंदिर के दो स्तम्भों की तरह होते हैँ
बहुत पास भी नही..  क्योंकि बहुत पास  हो तो
मंदिर गिर जाए....... बहुत दूर भी नही  क्योंकि बहुत दूर
हो तो भी मंदिर गिर जाए
देखो  मंदिर के इन स्तम्भों क़ो जिन्होंने प्रेम के...मंदिर क़ो
संभाला हुआ हैँ.. ये बहत पास भी नही  हैँ बहुत दूर भी नही  हैँ lथोड़ी दूरी  थोड़ी निकटता l तो ही  छप्पर सम्भला रहसकता हैँ l एक दम पास आ जाय तो भी छप्पर गिर जाये बहुत दूर हो जाये तोभी छप्पर  . गिर जाए..... एक संतुलन चाहिए   फिर वो स्तम्भ
प्रभु के मंदिर के हो या  प्रेम के मंदिर के स्तम्भ

©Parasram Arora #वैलेंटाइन और मंदिर के दो स्तम्भ
मंदिर के दो स्तम्भ और 

( वैलेंटाइन डे )
, खलील जिब्रान ने ठीक ही  कहा हैँ  कि
सच्चे  प्रेमी  मंदिर के दो स्तम्भों की तरह होते हैँ
बहुत पास भी नही..  क्योंकि बहुत पास  हो तो
मंदिर गिर जाए....... बहुत दूर भी नही  क्योंकि बहुत दूर
हो तो भी मंदिर गिर जाए
देखो  मंदिर के इन स्तम्भों क़ो जिन्होंने प्रेम के...मंदिर क़ो
संभाला हुआ हैँ.. ये बहत पास भी नही  हैँ बहुत दूर भी नही  हैँ lथोड़ी दूरी  थोड़ी निकटता l तो ही  छप्पर सम्भला रहसकता हैँ l एक दम पास आ जाय तो भी छप्पर गिर जाये बहुत दूर हो जाये तोभी छप्पर  . गिर जाए..... एक संतुलन चाहिए   फिर वो स्तम्भ
प्रभु के मंदिर के हो या  प्रेम के मंदिर के स्तम्भ

©Parasram Arora #वैलेंटाइन और मंदिर के दो स्तम्भ