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फिर कभी फुरसत मिले क्या पता, फूल फिर कभी खिले क्या

फिर कभी फुरसत मिले क्या पता,
फूल फिर कभी खिले क्या पता,
मिले आज तो जीना बहुत अच्छे से,
आज फिर कल मिले क्या पता।

©Nitin Bavlecha
  #शायरी #क्यापता #owncreation #Truth