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मैं हर वक्त सिर्फ उस प्रेम की कल्पना करता हूं। १.

मैं हर वक्त सिर्फ
उस प्रेम की
कल्पना करता हूं।

१.फसल काटते वक्त 
किसान के चेहरे पर
झलकती खुशी जो बोते समय डाला था
खेतो में उसने बीजों के साथ 
ओ प्रेम ।।

२.एक मां को उसके बच्चे ने
 जब पहली बार मां कहकर बुलाया था 
 और मां दौड़ती हुई जाके गोद में उठा माथे को चूमती !
 क्या बोला , फिर से बोल.? 
 कहकर चूचकारती!
 ओ प्रेम।

३. बेटी के बिदाई के साथ
 एक पिता की आंखे हृदय की बारिशों से भीगी थी। 
 फिर पहली बार मायके आने पर बेटी हंसते मुख पर आंखो में पिता के प्रति छलकता प्रेम!
 ओ प्रेम।
 
४.जहां अंजुरी भर के मात्र जल से ॐ के उच्चारण कर पूरे वातावरण का शुद्धि करना  
आस्था का ओ प्रेम।

५. किसी बेजुबान को रोटी खिलाते वक्त
 उससे बाते करना स्नेह का ,
 ओ प्रेम।

६.जहां विश्वासों की मेढ़ पर खुशियां उपजती हो
रिश्तों में निस्वार्थ भाव हो!
 ओ प्रेम ।

७. एक प्रेम !
जहां बस अथाह  प्रेम हो ........!
ओ प्रेम।

लेखक ~ सोनु यादव

©Sonu yadav #Love #Family 

#Morningvibes  komal sindhe 13 dil pagl mahi Khanna  Anayatullah Batt officials vicky chaudhary
मैं हर वक्त सिर्फ
उस प्रेम की
कल्पना करता हूं।

१.फसल काटते वक्त 
किसान के चेहरे पर
झलकती खुशी जो बोते समय डाला था
खेतो में उसने बीजों के साथ 
ओ प्रेम ।।

२.एक मां को उसके बच्चे ने
 जब पहली बार मां कहकर बुलाया था 
 और मां दौड़ती हुई जाके गोद में उठा माथे को चूमती !
 क्या बोला , फिर से बोल.? 
 कहकर चूचकारती!
 ओ प्रेम।

३. बेटी के बिदाई के साथ
 एक पिता की आंखे हृदय की बारिशों से भीगी थी। 
 फिर पहली बार मायके आने पर बेटी हंसते मुख पर आंखो में पिता के प्रति छलकता प्रेम!
 ओ प्रेम।
 
४.जहां अंजुरी भर के मात्र जल से ॐ के उच्चारण कर पूरे वातावरण का शुद्धि करना  
आस्था का ओ प्रेम।

५. किसी बेजुबान को रोटी खिलाते वक्त
 उससे बाते करना स्नेह का ,
 ओ प्रेम।

६.जहां विश्वासों की मेढ़ पर खुशियां उपजती हो
रिश्तों में निस्वार्थ भाव हो!
 ओ प्रेम ।

७. एक प्रेम !
जहां बस अथाह  प्रेम हो ........!
ओ प्रेम।

लेखक ~ सोनु यादव

©Sonu yadav #Love #Family 

#Morningvibes  komal sindhe 13 dil pagl mahi Khanna  Anayatullah Batt officials vicky chaudhary
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sonu kishor

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