heart वो दोस्त बनकर हमें ही दगा देते रहे हम सोचते रहे ओर वो हंसी में छलते गए एक दिन जब आंखों से भरोसे की चादर हटी फ़रेब की कड़वी हक़ीक़त आंखों से जा मिलीं ©Starry Star #Heart कविताएं