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मेरी आंख में पानी बहुत है , मुझ को परेशानी बहुत है

मेरी आंख में पानी बहुत है ,
मुझ को परेशानी बहुत हैं।।

कफ़न बांध कर नहीं चलता 
मुझ में अभी जिंदगानी बहुत है

खुल के हंसता हूं , मुस्काता रहता हूं 
पागल हूं  , मुझ में नादानी बहुत है ।।

आंख मिला कर वो चली जाती है 
देखो बनती वो अनजानी बहुत है ।।

मेरी आंख में पानी बहुत है ,
मुझ को परेशानी बहुत हैं।।

सुननी नहीं किसी की ,करनी अपने मन की
मेरी फितरत में देखो मनमानी बहुत है ।।

टकराव हो कभी तो, बातें टाल देती है 
जान है वो मेरी फिर सयानी बहुत है ।।

मलाल ए दिल क्यों रखूं , तू ही बता 
जिंदगी की मुझ पे मेहरबानी बहुत हैं।।

©Ravi Sharma
  #standAlone  आंख में पानी बहुत है ,
मुझ को परेशानी बहुत हैं।।

कफ़न बांध कर नहीं चलता 
मुझ में अभी जिंदगानी बहुत है

खुल के हंसता हूं , मुस्काता रहता हूं 
पागल हूं  , मुझ में नादानी बहुत है ।।
ravisharma5699

Ravi Sharma

Silver Star
Growing Creator

#standAlone आंख में पानी बहुत है , मुझ को परेशानी बहुत हैं।। कफ़न बांध कर नहीं चलता मुझ में अभी जिंदगानी बहुत है खुल के हंसता हूं , मुस्काता रहता हूं पागल हूं , मुझ में नादानी बहुत है ।। #शायरी

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