#5LinePoetry ख़्वाब महफ़िलो के देखे थे हमने, और आई तो नसीबा में सिर्फ तन्हाई! खुशियों के घर सजाने को चले थे हम, मगर जल कर खाक़ में मिल गया वो सब! दोस्ती के फूल खिलाने चले थे हम, दुश्मनों के बाग़ में आ गए हम! ज़िन्दगी की चराग़ अच्छी नहीं लगी थी, इस लिए उसने सदा के लिए बुझा दिया! Written By-ABi Aman. #5LinePoetry Dosti Ke Phool