वो मेरी नींद की लोरी वो मेरी जुकाम की गोली वो तपती धूप की आँचल की छतरी वो तवे की गोल-गोल रोटी वो रौशनी मेरी वो मेरी पहली वर्तनी वो मेरी सौ तक की गिनती वो मेरी पहली कविता वो मेरी कहानी या किस्सा उसके होने से हो पाया हूँ मैं उसके होने से बन पाया हूँ मैं उसने गढ़ा है सम्पूर्ण व्यक्तित्व मेरा वो माँ है मेरी मैं उसके आँखों का काजल उसकी आँसू का एक भी कतरा जब भी बहे,बह जाए अस्तित्व मेरा-अभिषेक राजहंस वो मेरी माँ #nojoto #nojotohindi