White विधा-मुक्तक धन- दौलत पास मेरे नहीं है। तन चलती साँस मेरे नहीं है। तन सूख हुआ हड्डियों का ढाँचा, मन में अब त्रास मेरे नहीं है।। स्वरचित रचना-राम जी तिवारी"राम" उन्नाव (उत्तर प्रदेश) ©Ramji Tiwari #Sad_Status #sayari #heartsbroken 'दर्द भरी शायरी'