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इन उजले उजले शहरो में रात नही होती है क्या कौन अपन

इन उजले उजले शहरो में रात नही होती है क्या
कौन अपना कौन पराया बात नही होती है क्या
मेरे गावँ में तो शाम होते ही महफ़िल सज जाती है यारो की
इन शहरो में यारो से कोई मुलाक़ात नही होती है क्या

कुमार विनीत मित्तल
इन उजले उजले शहरो में रात नही होती है क्या
कौन अपना कौन पराया बात नही होती है क्या
मेरे गावँ में तो शाम होते ही महफ़िल सज जाती है यारो की
इन शहरो में यारो से कोई मुलाक़ात नही होती है क्या

कुमार विनीत मित्तल