इक अजब ख्वाब से बेज़ार हो गया हूं मै शायद बिका हुआ अखबार हो गया हूं मै.. कोई न कोई रोज़ तेरा ज़िक्र छेड़ देता है ऐसा लगता है तेरा हक़दार हो गया हूं मै.. तूने बचाई है मेरी जान तो सुन ले हमदम तेरी ज़िंदगी अब क़र्ज़दार हो गया हूं मै.. प्यार व्यार के सारे मसले पूछने आते हैं अब अब तो तेरे इश्क़ का दरबार हो गया हूं मै.. ये अभी जो जल रहे हैं बुझ न पायेंगे कभी इन दियों का अब तो पहरेदार हो गया हूं मै.. है अंधेरा तो भी क्या नज़र रख मंज़िल पे तू शहजान जुगनुओं का सरदार हो गया हूं मै .. शहजान खान ✍ #insta #shayri #ghazal #gazal #adab #urdu #rahat