ऐ ज़िन्दगी तुझे क्या गिला था मुझसे फिर लाकर खड़ा कर दिया ज़िन्दगी की दो रह पर मुझे अभी भूली ना थी उसके धोखो को ना उन हसीन मुलाकातों को क्यों मिला दिया फिर से उस इंसान से जिसको देख दिल खुश हो जाता था अपने आप से मिली थी तब उससे जब वो किसी और का था मिली हूं अब उससे जब वो मेरा होने को ना था ©rupalkatiyar #crossroads