ये अकेलापन भी कई सीख सीखा जाता है , दिखला जाता है खुद ही कई खूबियां कई कमियों को दर्शा जाता है , हटा कर खुद की आंखों पर जमे धूल को खुद से ही रूबरू करा जाता है। ये अकेलापन कई सीख सीखा जाता है। वो बह रहा हौले हौले से जो पवन हमारी नासमझी को कहीं उड़ा ले जाता है , और फिर बन कर आइना दिखा जाता है अपना बदला रूप अपनी परछाई दिखा जाता है । ये अकेलापन काफी कुछ सीखा जाता है । सामने का खड़ा पेड़ भी मानो कुछ दिखला रहा होता है , के इतने परोपकार के बावजूद भी एहसान फरामोशों द्वारा काट दिया जाता है , जिसको दिया फल जिसको दी शीतल छाया केवल अपने स्वार्थ के लिए काट कर आपस में बाट लिया जाता है । ये अकेलापन भी कई सीख सिखा जाता है । अकेलेपन में हम खुद की ओर आते है हट कर बाहर की दुनिया से सामने के नज़ारे और खुद पर गौर फरमाते है अकेलेपन में है जो शांति और सुकून वो बाहर कहां पाया जाता है ? ये अकेलापन कई सीख सीखा जाता है । ढलता सूरज कर रहा होता है इशारा एक दिन किसी के प्रति तुम्हारे विश्वाश के ढल जाने का, वो लालिमा कर जाती है इशारा खुद पर निर्भर हो , जीवन खुशहाल बनाने का , ये छा रहा अंधकार चांद के समान रौशनी रखने की राह दिखा जाता है । ये अकेलापन कई सीख सीखा जाता है । ©Ayushi Akanksha #lonely #सिख