Nojoto: Largest Storytelling Platform
ayushiakanksha6721
  • 34Stories
  • 172Followers
  • 461Love
    240Views

Ayushi Akanksha

first book of hindi poetry aagaz. now Available on Amazon and Flipkart

  • Popular
  • Latest
  • Repost
  • Video
58778ea6889c1f713876a596a8a50d92

Ayushi Akanksha

कोई तो समझेगा मुझे , इस चाहत में
कमजोर और जख्मी होंगे जब मेरे मेरे हाथ
मिलेंग किसी के हाथ में, 
दुनिया से भला मैं क्यों डरूॅं
मेरी परवाह हमेशा टिकेगी उसके साथ में ।
किसी के लौट आने की उम्मीद  
सारी चाहत और आशाएं निराशा बन रह गई है 
कुछ और तो नहीं
मगर मेरी जिंदगी तमाशा बन रह गई है ।।

©Ayushi Akanksha #feelings #tamasha #nirasha #ummid #Chahat
58778ea6889c1f713876a596a8a50d92

Ayushi Akanksha

डूब गए हम जिसमें वो इश्क का तुम समंदर हुए 
जिसकी यादों का तूफान बार बार आए 
उन यादों का तुम बवंडर हुए ।
सुना है चाहत बेइंतहां थी 
तभी हीर रांझा मशहूर हुए ,
क्या बताऊं कितने खास हो तुम 
वरना इश्क से भागने वाले हम
तुम्हारे ही इश्क में मगरुर हुए ।

©Ayushi Akanksha #Relationship #Isq #heer #ranjha
58778ea6889c1f713876a596a8a50d92

Ayushi Akanksha

चाहत बस इतनी है की मेरे नाम के बाद तेरा नाम हो
कुछ और का पता नही
पर तेरा दीदार सुबह और शाम हो ।
थकी रहूं मैं जब भी तेरी बाहों में आराम हो ,
मेरे हाथों में हो तेरा हाथ मेरी अर्थी को तेरा मिले कंधा 
इस कहानी का एक यही अंजाम हो !!

©Ayushi Akanksha #Chahat #tum #saath
58778ea6889c1f713876a596a8a50d92

Ayushi Akanksha

ये अकेलापन भी कई सीख सीखा जाता है , 
दिखला जाता है खुद ही कई खूबियां
कई कमियों को दर्शा जाता है ,
हटा कर खुद की आंखों पर जमे धूल को 
खुद से ही रूबरू करा जाता है।
ये अकेलापन कई सीख सीखा जाता है। 
वो बह रहा हौले हौले से जो पवन
 हमारी नासमझी को कहीं उड़ा ले जाता है , 
 और फिर बन कर आइना 
दिखा जाता है अपना बदला रूप
अपनी परछाई दिखा जाता है ।
ये अकेलापन काफी कुछ सीखा जाता है । 
सामने का खड़ा पेड़ भी मानो कुछ दिखला रहा होता है ,
के इतने परोपकार के बावजूद भी 
एहसान फरामोशों द्वारा काट दिया जाता है ,
जिसको दिया फल जिसको दी शीतल छाया 
केवल अपने स्वार्थ के लिए 
काट कर आपस में बाट लिया जाता है ।
ये अकेलापन भी कई सीख सिखा जाता है । 
अकेलेपन में हम खुद की ओर आते है 
हट कर बाहर की दुनिया से 
सामने के नज़ारे और खुद पर गौर फरमाते है 
अकेलेपन में है जो शांति और सुकून 
वो बाहर कहां पाया जाता है ? 
ये अकेलापन कई सीख सीखा जाता है ।
ढलता सूरज कर रहा होता है इशारा
एक दिन किसी के प्रति
तुम्हारे विश्वाश के ढल जाने का, 
वो लालिमा कर जाती है इशारा 
खुद पर निर्भर हो , जीवन खुशहाल बनाने का ,
ये छा रहा अंधकार 
 चांद के समान रौशनी रखने की राह दिखा जाता है । 
ये अकेलापन कई सीख सीखा जाता है ।

©Ayushi Akanksha #lonely #सिख
58778ea6889c1f713876a596a8a50d92

Ayushi Akanksha

कमबख्त कशिश ही कुछ यूं थी तुम्हारी
के मेरे हर दुआ और इबात में शामिल हुए तुम 
गौर फरमाएं के मुकद्दर ने भी कितने खेल रचाए 
और मुफलिश इस दिल के बेहद करीब ,
 यूं कहूं तो मुहब्बत हुए तुम।

©Ayushi Akanksha #Couple #Muhabbat
58778ea6889c1f713876a596a8a50d92

Ayushi Akanksha

मेरे ही दिल की तरह खेल रहे थे तुम जुआ
फिर किसी दिल से, किसी के सुकून को लूट रहे थे
कमबख्त हम इतने नासमझ निकले
जो ख़ामोशी से तुम्हारी ये सोच रहे थे 
के हम से बिछड़ने के डर से तुम टूट रहे थे।
देख कर तुम्हारा यूं अचानक बर्ताव 
मेरे  कदम चौखट की तरफ बढ़े आ रहे थे,
चौखट से नजदीकी तुम्हारे 
तुम्हारे और तुम्हारे बसेरे में बसने को नही
अपीतु उससे निकलने को बढ़े आ रहे थे। 
जकड़ कर रखने की कोशिश की मैंने तुम्हे अपनी मुट्ठी में
ये सोच भी लिया की तुम उससे बसते जा रहे थे
लेकिन तुम तो रेत हो
जो मेरी इतने जतन के बाद भी 
आहिस्ता आहिस्ता मेरे हाथों से बहते जा रहे थे।
सजाए थे जितने भी अरमान मैंने
सारे धरे के धरे रह गए
इससे पहले की मैं पार कर पाती चौखट 
तुम उस रेत की तरह बह गए।

©Ayushi Akanksha #Time #ret
58778ea6889c1f713876a596a8a50d92

Ayushi Akanksha

सारी उम्र हम तुम्हारे पहलू में रह गए,
सुनते और करते रहे तुम हर वो चीज़ 
जो हम तुमसे कहते रह गए । 
यूॅं तो दुनिया की नजरों से ओझल हो चुके तुम
और इक हम हैं
के शीशे में भी खुद की जगह 
एक तुम्हें देखते रह गए ।
खफ़ा हुए हम तो मनाते थे तुम
मनाते थे हम जब भी तुम थे रूठ गए,
था तुम्हारा प्यार एक वृक्ष की तरह
और हम उसपे टंगे किसी शीशे की तरह
के तुम्हारे टूट कर गिरते ही 
हम गिर कर टूट गए।

आयुषी आकांक्षा ।

©Ayushi Akanksha #WOMENSAD
58778ea6889c1f713876a596a8a50d92

Ayushi Akanksha

58778ea6889c1f713876a596a8a50d92

Ayushi Akanksha

अंधेरे में सवेरा आने का इंतज़ार नहीं था, 
जहाँ तुम मिले,  बस वहीं सुकून, करार वहीं था ।
आज भी गुज़रती हूॅं जब उन गलीयों से , 
यादें दौड़ आती है मुझसे मिलने।  
उस पल के जैसे आज भी गुज़रे उन पलों से प्यार है ,
बेशक अब पास नहीं तुम मेरे
पर जो साथ है......... वो तुम्हारा  इंतज़ार है ।



होली का कभी इंतज़ार नहीं था,
प्यार से बोले जो भी शब्द तुमने 
वही रंग , गुलाल वही था ।
भरोसा तो खुद से भी ज्यादा था तुम पर ,
पर तुम्हे कोसों दूर जाना क्यों है ॽ सवाल यही था। 
मेरे गुस्से से पूछे सवालों पर , तुम्हारे प्यार से मिले उन जवाबों से 
आज भी इश्क़ बेसुमार है, 
अब किसी जवाब की राह नहीं देखती मैं,
इक बस तुम्हारा इंतज़ार है ।


तुम्हें ढूंढती है मेरी निगाहें, इसमें मेरी ख़ता नहीं,
हवाओं से भी पूछा पता तुम्हारा, पर उन्हें भी पता नहीं ।
हर पल में सता रही है तुम्हारी कमी , 
हाॅं , मुझमें मिला हुआ है ये कह रही थी इक दिन ज़मीं ।
जब थे तुम पास मेरे तो साथ मेरे खड़ा पाबंदीयों का दिवार था,
अब बस ख्वाहिश इतनी है कि
जिन्दगी से परे मौत की बाहों में ही सही मिल जाऊॅं तुमसे,
और तुम कहो 
कितना वक्त लगा दिया........ इक तेरा ही  इंतज़ार था


आयुषी आकांक्षा ।

©Ayushi Akanksha #intzaar 

#us
58778ea6889c1f713876a596a8a50d92

Ayushi Akanksha

loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile