Nojoto: Largest Storytelling Platform

'मैं' का बोध अगर ब्रह्माण्ड के साथ एकीकार है तब स्

'मैं' का बोध अगर ब्रह्माण्ड के साथ एकीकार है
तब स्वयं मे ब्रह्म कि अनुभूति होती है
किन्तु जब 'मैं' का बोध 'स्व' पर केंद्रित हो
तब सिमित अनुभूति होती है जिससे हम
संसार के नाम से परिचित होते हैं।

©Jai Pathak
  #अनुभूति