#OpenPoetry सारा कसुर तो इन आँखों 👀 का है... हम तो बेकसूर है.. फिर भी ना जाने क्युं ये सारा जमाना 🤔 सिर्फ हमें ही कसूरवार ठहराता है...। #बेकसूर