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कुछ तो खास हवाओं में , फ़कत तेरी बू नहीं । इल्म-ए-

कुछ तो खास हवाओं में ,
फ़कत तेरी बू नहीं ।
इल्म-ए-हकीकत मुझको भी ,
तू साथ क्यों नहीं ?

बन गया हूं पत्थर अब ,
मुझमें कोई रूह नहीं ।
वो जीना भी क्या जीना ,
जिस जीने में तू नहीं ।
- Dr Gora #फकत #हकीकत #पत्थर #love #myquotes #DrGora
कुछ तो खास हवाओं में ,
फ़कत तेरी बू नहीं ।
इल्म-ए-हकीकत मुझको भी ,
तू साथ क्यों नहीं ?

बन गया हूं पत्थर अब ,
मुझमें कोई रूह नहीं ।
वो जीना भी क्या जीना ,
जिस जीने में तू नहीं ।
- Dr Gora #फकत #हकीकत #पत्थर #love #myquotes #DrGora