दर्द किस किस ने दिया,बता कर नाम उनका बदनाम थोड़ी करना है। रिश्ता उसने कैसा भी हो,सरेआम थोड़ी करना है। जी भर के बेशक रोये हो, पर आँशु दिखा कर सवाल खड़ा थोड़ी करना ह। नाम नही लूंगा पर सब थे धोकेबाज़ उनहे भी राम राम करना ह। पाए सजा किसी ओर से, ऐसा अपराध थोड़ी करना है। हम तो खुद के गुन्हेगार बन गए, क्योकि हम खुद से नही ,मोहबत औरों स े करना गए। बांधी थी गाँठ, हमने बड़े सलीके से पर लोगो को जतन खोलने का थोड़ी करना था वो तोह ले आये कैंचीकाटने का उनको बड़ा तजुर्बा था। कच्चे निकले सारे धागे मेरे, पतंग उड़ने दे पहले बि खर गई। Oओर जब तक । कु6 समझता डोर मेरे हाथों से छूट गई। फेर सोचा बचा लू बिखरी पतंग,पर देखा तो वो किसी ओर डोर से जुड़ गई। दर्द किस किस ने दिया ह बता कर नाम थोड़ी बदनाम करने ह