तुम्हें महसूस करने के लिये.. आवाज़ की जरूरत नहीं.. न जरूरी हैं स्पर्श करना.. तुम्हारी चुप, पल भर की मौन का घूँट-घूँट.. मेरे गले मे यूं अटकना, कानों में चिल्लाता हैं.. तुम्हारे अन्दर कितना कोहराम होगा.. dear aap