परछाई एकांत की अनसुलझे से बदलाव की असमंजस में पड़ी छोटी पिपासा एक नये आयाम की कोशिश है जैसे आती रात के बाद विहान सी एक छोर से दूजे छोर पर पड़ रही रहस्य के विराम सी लगती आशा जैसे कर रही नये अवसर के तलाश की अविराम परंतु अत्यंत अभिराम सी ©Shilpa yadav #fog #shadow#lifeofpie कवि राहुल पाल 🔵 AJAY NAYAK Anshu writer Internet Jockey ANOOP PANDEY