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White ज़िंदगी मुझे तू कहां ले चली कभी धूप , कभी छाव

White ज़िंदगी मुझे तू कहां ले चली
कभी धूप , कभी छाव दे चली
कभी अपनो से दूर , कभी उनके करीब कर चली 
ज़िन्दगी मुझे ये तू कहां ले चली
कभी आसूं ,कभी होठों पर मुस्कान दे चली
कभी बहुतों का साथ, कभी अकेला कर चली
ज़िन्दगी मुझे ये तू कहां ले चली
कभी मंजिल के करीब, कभी इससे मिलो दूर कर चली
कभी सपनों के सागर में डूबा दिया , कभी हकीकत से रूबरू कर चली
ज़िन्दगी मुझे ये तू कहां ले चली
कभी बहुतों का प्यार, कभी नफरत दे चली
कभी फूलों का हार , कभी नफरत का मार दे चली
ज़िंदगी ये मुझे तू कहां ले चली...by Bina singh

©bina singh #good_morning #लाइफ
White ज़िंदगी मुझे तू कहां ले चली
कभी धूप , कभी छाव दे चली
कभी अपनो से दूर , कभी उनके करीब कर चली 
ज़िन्दगी मुझे ये तू कहां ले चली
कभी आसूं ,कभी होठों पर मुस्कान दे चली
कभी बहुतों का साथ, कभी अकेला कर चली
ज़िन्दगी मुझे ये तू कहां ले चली
कभी मंजिल के करीब, कभी इससे मिलो दूर कर चली
कभी सपनों के सागर में डूबा दिया , कभी हकीकत से रूबरू कर चली
ज़िन्दगी मुझे ये तू कहां ले चली
कभी बहुतों का प्यार, कभी नफरत दे चली
कभी फूलों का हार , कभी नफरत का मार दे चली
ज़िंदगी ये मुझे तू कहां ले चली...by Bina singh

©bina singh #good_morning #लाइफ
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