पहले तो मुझको भी हफ़्तों तक तड़पाया जाता है तब जाकर के फिर मेरा ये फ़ोन उठाया जाता है ग़ज़लें लिखकर सबसे पहले उसको भेजा करता हूँ, जैसे खाना बन जाने पर भोग लगाया जाता है। Tanoj Dadhich ©Anant Nag Chandan पहले तो मुझको भी हफ़्तों तक तड़पाया जाता है तब जाकर के फिर मेरा ये फ़ोन उठाया जाता है ग़ज़लें लिखकर सबसे पहले उसको भेजा करता हूँ, जैसे खाना बन जाने पर भोग लगाया जाता है। Tanoj Dadhich