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प्राची का चितेरा कितना प्रफुल्लित था प्रातः सांझ

प्राची का चितेरा
कितना प्रफुल्लित था
प्रातः
सांझ  होते होते.
वो मुरझाता  हुआ
दिखा

कुछ थका थका सा
मै मुसाफिर हूँ  सुदूर का.
मंजिल अपनी भूल चुका
दूर दूर तक मुझे  राह मे 
कोई हमसफर  न दिखा

©Parasram Arora प्राची का चीतेरा....
प्राची का चितेरा
कितना प्रफुल्लित था
प्रातः
सांझ  होते होते.
वो मुरझाता  हुआ
दिखा

कुछ थका थका सा
मै मुसाफिर हूँ  सुदूर का.
मंजिल अपनी भूल चुका
दूर दूर तक मुझे  राह मे 
कोई हमसफर  न दिखा

©Parasram Arora प्राची का चीतेरा....

प्राची का चीतेरा.... #कविता