टूटा जो शोर संग मेरा आईना, किरचों की धूल की आहट कानों में तरकीब बता गयी । उनकी तरह बिखरे अपने, लम्हों को समेट लूँ तो फेविकॉल की शीशी से जोड़ लूँगा । क्या है न, के वो हथेली से मुलायम ठहरे । अगर वापस अलग हुए तो परतें उतारने में बड़ा आनंद आएगा ।। परतें कुछ ख़ास बातें जो अनकही सी हैं, उन्हें दर्द सी चाशनी में डुबो ओर लुत्फ़ लेना भी एक आदत सी है । Click on #WaqtKiDosti for more musings on Remembrance. #CalmKaziWrites #YQBaba #YQDidi #hindi #हिंदी #कविता #वक़्त #यादें #फेविकॉल #दर्द #याद #aaina #aayena #आईना