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कभी-कभी प्रेम की गलियों में भी बैचेन हो जाता हूं,

कभी-कभी प्रेम की गलियों में भी बैचेन हो जाता हूं,
होता है सब कुछ पास फिर भी हैरान हो जाता हूं ।

असल में तो यह दुनिया बड़ी अजीब सी है ,
कई बार रिश्तों को भी देखकर उलझन सी हो जाती है।

चुगलियां करते हैं आपस में सब लोग यहां ,
बहुत बार मुझे यह दुनिया ढोंग सी लगती है ।

मरने से पहले यहां देता नहीं कोई पानी का गिलास
यहां मरने के बाद झूठे आंसुओं की फुहार सी लगती है।

पता नहीं क्यों कब कैसे हो जाता है ,
इस दुनिया से उठकर मेरा मन फकीर सा हो जाता है। कभी-कभी प्रेम की गलियों में भी बैचेन हो जाता हूं,
होता है सब कुछ पास फिर भी हैरान हो जाता हूं ।

असल में तो यह दुनिया बड़ी अजीब सी है ,
कई बार रिश्तों को भी देखकर उलझन सी हो जाती है।

चुगलियां करते हैं आपस में सब लोग यहां ,
बहुत बार मुझे यह दुनिया ढोंग सी लगती है ।
कभी-कभी प्रेम की गलियों में भी बैचेन हो जाता हूं,
होता है सब कुछ पास फिर भी हैरान हो जाता हूं ।

असल में तो यह दुनिया बड़ी अजीब सी है ,
कई बार रिश्तों को भी देखकर उलझन सी हो जाती है।

चुगलियां करते हैं आपस में सब लोग यहां ,
बहुत बार मुझे यह दुनिया ढोंग सी लगती है ।

मरने से पहले यहां देता नहीं कोई पानी का गिलास
यहां मरने के बाद झूठे आंसुओं की फुहार सी लगती है।

पता नहीं क्यों कब कैसे हो जाता है ,
इस दुनिया से उठकर मेरा मन फकीर सा हो जाता है। कभी-कभी प्रेम की गलियों में भी बैचेन हो जाता हूं,
होता है सब कुछ पास फिर भी हैरान हो जाता हूं ।

असल में तो यह दुनिया बड़ी अजीब सी है ,
कई बार रिश्तों को भी देखकर उलझन सी हो जाती है।

चुगलियां करते हैं आपस में सब लोग यहां ,
बहुत बार मुझे यह दुनिया ढोंग सी लगती है ।