खुशियों का उपहार मिले हर कुटिया घर द्वार मिले नेह की अमृत वर्षा में कृपा तेरी हर बार मिले रिश्तों में ना कोई दूरी हो घृणा की ना मजबूरी हो सेंटा की सब सौगातों से प्रेम करना जरूरी हो ना मारो कोई जीव जान सब बन जाओ इंसान जग में फैले तेरा नाम सेंटा की हैं ये अरमान ।। ©बिमल तिवारी “आत्मबोध” #सेंटाक्लॉज🎅 #MerryChristmas