व्यस्तता भरी जीवन थी.. एक रुकावट आयी है.. इस अनमोल पल व्यर्थ न कर.. आओ एक दफा खुद को पहचाने.. अंतर्मन दर्पण की प्रतिबिम्ब निहारे! जब बहिरंग बेरंग हो गयी.. अवसाद ग्रस्त हृदय हो गयी.. मन में उमंग की रंग बिखेरे.. आओ एक दफा खुद को पहचाने.. अंतर्मन दर्पण की प्रतिबिम्ब निहारे! एकांत सभी की ख्वाहिश है.. फिर क्यों बेचैनी छायी है.. कुछ नया प्रयाश कर मन हर्षित करे.. आओ एक दफा खुद को पहचाने.. अंतर्मन दर्पण की प्रतिबिम्ब निहारे! मनुष्य निपुण वही जो.. समयानुसार बदलता है! यह पल है छिपी काबिलियत को निखारे.. आओ एक दफा खुद को पहचाने.. अंतर्मन दर्पण की प्रतिबिम्ब निहारे! 👉अंतर्मन दर्शन👈 #poem #life #poetry #darpan