Nojoto: Largest Storytelling Platform

तुम्हारे भीतर आदमी की मौत पर हूक नहीं उठती मैं.

तुम्हारे भीतर 
आदमी की मौत पर 
हूक नहीं उठती 
मैं... 
किसी सपने के टूटने पर 
रत्ती रत्ती 
रो लेता हूं 
अखिलेश

©Akhilesh Kumar तुम्हारे अंदर
तुम्हारे भीतर 
आदमी की मौत पर 
हूक नहीं उठती 
मैं... 
किसी सपने के टूटने पर 
रत्ती रत्ती 
रो लेता हूं 
अखिलेश

©Akhilesh Kumar तुम्हारे अंदर