सुकून ढूंढते थे दर-ब-दर, वो गुम ना जाने किधर, उसकी तलाश में बीते जीवन, यूँ ही इधर-उधर, लोगो की भीड़ में तन्हा रहे, मिला ना सुकून का एक पल, फुर्सत में खुद से बातें की जब, पाया वो सुकून अपने ही अंदर,। अनकही #river #Nojoto #shayari#poem