Nojoto: Largest Storytelling Platform

सुकून ढूंढते थे दर-ब-दर, वो गुम ना जाने किधर, उसकी

सुकून ढूंढते थे दर-ब-दर,
वो गुम ना जाने किधर,
उसकी तलाश में बीते जीवन,
यूँ ही इधर-उधर,
लोगो की भीड़ में तन्हा रहे,
मिला ना सुकून का एक पल,
फुर्सत में खुद से बातें की जब,
पाया वो सुकून अपने ही अंदर,।
अनकही #river #Nojoto #shayari#poem
सुकून ढूंढते थे दर-ब-दर,
वो गुम ना जाने किधर,
उसकी तलाश में बीते जीवन,
यूँ ही इधर-उधर,
लोगो की भीड़ में तन्हा रहे,
मिला ना सुकून का एक पल,
फुर्सत में खुद से बातें की जब,
पाया वो सुकून अपने ही अंदर,।
अनकही #river #Nojoto #shayari#poem