सभ्य आचरण, दूसरों के प्रति अच्छा व्यवहार, बड़ों का सम्मान, छोटों से प्रेम, अतिथि सत्कार जैसे द्वेष से परे शिष्ट व्यवहार को शिष्टाचार कहते हैं। इसका पाठ बच्चों को बचपन से करवाया जाता है ताकि जीवन में विकास की ओर अग्रसर होने पर घृणा, अहंकार, स्वार्थ, बदले की भावना जैसे भाव उनकी उन्नती में बाधक नहीं बने। पशु और मनुष्य में व्यावहारिक ज्ञान का मुख्य अंतर शिष्टाचार की वजह से आता है। मनुष्य अपने विवेक का सही उपयोग कर सकता है किन्तु पशु नहीं। मगर आज के परिवेश में शिष्टाचार की बातें करना बंद कर देनी चाहिए। अब नागरिकता कानून के नए संशोधन को ही ले लीजिए, इसके विरोध में जामिया के छात्रों पर पुलिस बर्बरता दिखा रही थी।आज इसके विरोध में पूरे देश में प्रदर्शन किया जा रहा है। अब यहाँ किसे शिष्ट कहें और किसे अशिष्ट? Challenge-59 #collabwithकोराकाग़ज़ शिष्टाचार को अपने शब्दों में लिखिए। कैप्शन में लिखी रचनाएँ मान्य नहीं होंगी। #शिष्टाचार #कोराकाग़ज़ #yqdidi #yqbaba YourQuote Didi YourQuote Baba Aरिफ़ Aल्व़ी #YourQuoteAndMine Collaborating with कोरा काग़ज़ ™️ #story #savitajha