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// लो फागुन आई होली आया // विभिन्न बोलीया मेरे

// लो फागुन आई होली आया  //

 विभिन्न बोलीया मेरे देश मे है ,
 फागुन आई होली आया ।

 तरंग पानी में जेसे आते हैं , 
 गुलाबी रंग को मिलाया जाता है ।। 

यू पी हो या फिर गुजरात का डांग हो ,
 सभी को भाग पिलाई जाती है ।

अमीर हो या फिर गरीब मजदूर हो ,
यहा भीगी खजूर को खिलाई जाती है ।।

फर्क़ चाहे हो यहा बोली का ,
 होलिका जैसे आग में जल गई थीं ।

 इदे मिलाद हो  या हिंदू त्यौहार हो इस देश में मनाते हैं ,
 प्रभु ने भक्त प्रहलाद को जैसे बचाया था ।।

लो फागुन आई होली आया ,
 बोली तो भाग से बदल जाती है ।

 राधा-कृष्णा की जोड़ी बड़ी प्यारी है
बच्चे- युवा  होली खेले खूब दौड़ी दौड़ी ।।

जिस दिशा में  ज्वाला जाएगी ,
उस प्रदेश में  उजियारा होगा ।

होली मे लकड़ी मत जलाओ ,
पूजा पाठ से होली मनाओ ।।

होली में खाओ मिठाई मेवा 
गुलाब जी कहे करो देश की सेवा

©Shivkumar
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