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साथी न कारवाँ है, ये तेरा इमतहाँ, यूँ ही चला-चल दि

साथी न कारवाँ है,
ये तेरा इमतहाँ,
यूँ ही चला-चल दिल के सहारे,
करती है मंजिल तुझकाे इशारे,
देख कहीं काेइ राेक नहीं ले,तुझकाे पुकार के।
ओ राही..... ओ राही ..... ओ राही...ओ राही....
साथी न कारवाँ है,
ये तेरा इमतहाँ,
यूँ ही चला-चल दिल के सहारे,
करती है मंजिल तुझकाे इशारे,
देख कहीं काेइ राेक नहीं ले,तुझकाे पुकार के।
ओ राही..... ओ राही ..... ओ राही...ओ राही....
aayushi2247

Aayushi

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ओ राही...ओ राही.... #poem