भटका हुआ राही था मैं वो बीच सफर में मिली मंजिल भी अधूरी रह गई राहें भी अधूरी मिली मेरी दोस्ती न जाने कब प्यार में बदल गई मेरा वो दिन बदल गया मेरी वो रात बदल गई दोस्ती से मोहब्बत के सफर में बच्चे थे उनकी नजरों में हम सबसे अच्छे थे सिर्फ दोस्त ही थे हम पहली मुलाकातों में बातें आगे बढ़ने लगी मेरी तन्हा रातों में दुनियादारी की बातों में कच्चे थे हम दोस्ती के मामले में थोड़ी सच्चे थे हम वक्त लम्हों में लम्हे पलों में गुजरने लगे बेचैन होकर हम अक्सर शामो को मिलने लगे उसकी खुशी में हम गमों को बुलाने लगे बंद थी ख्वाहिशें जो दिल में उन्हें जगाने लगे शायद यह वक्त हमसे कोई चाल चल रहा था रिश्ता वफा का और भी गहरा कर रहा था कुछ तमन्ना थी जो अब हसरतें बनने लगी उसको सोचते रहना मेरी आदतें बनने लगी मुझसे ज्यादा मेरे लिए उसकी खुशियां जरूरी हो गई होठों पर उसके मुस्कान देख आंखों से नमी खो गई ना जाने कब से वो हमारे दिल में बसने लगे पहले दोस्ती फिर हम उनसे प्यार करने लगे मेरी दोस्ती न जाने कब प्यार में बदल गई मेरा वो दिन बदल गया मेरी वो रात बदल गई भटका हुआ राही था मैं वो बीच सफर में मिली मंजिल भी अधूरी रह गई राहें भी अधूरी मिली ©Bhuvnesh Chakrawal #Friendship #Love #friendtolover #DostiSePyaar #Mohbbat #FirstLove #ishq #mylove