बहुत राज़ हैं दफ़न, सबके दिलो में फिर भी गज़ब मुस्कान ओढ़े घूम रहे। मज़मे को दिखा रहे मुखौटा अपना। जो सच सामने आ जाए तो शायद वो एहतराम न हो। खौफ़जद हो जी रहा हर शक्श समाज के डर से। ख़ुद के लिए ज़ी कर देखे तो सुकून मिले। खौफ और डर बस रुसवाईयां ही दे जाए। #दफ़न