मैंने एक सफ़े पर ऐ ज़िन्दगी तेरा नाम लिख दिया! तू तिनकों में जीता था,मैंने कलम से तुझे तमाम लिख दिया!! शाम जाम में बीती, रात एक नाम लिख दिया! एक सफ़ा था खाली, ऐ हसीं मैंने तुझे बेनाम लिख दिया! चाँद गुमशुम सा था, मैंने बादलों में तूफान लिख दिया!! सितारों का ना पूछो, मैंने उन्हें तेरा नाम दे गुमनाम लिख दिया!! शब के बाद, उजाले में ऐ ज़िन्दगी मैंने तुझे आराम लिखा!! तू तिनको में जीता था, मैंने कलम से तुझे तमाम लिख दिया!! #मुसाफ़िर की कलम!! #मुसाफिर की कलम!!