क्या बताऊँ यारों, किस तकलीफ़ से गुज़रा हूँ, मोहब्बत के खंजर से,ज़ख्मी होकर गुज़रा हूँ। आज फिर उसकी तस्वीर, सामने आ जाने से, मैं फिर मुकम्मल उसके, करीब से गुज़रा हूँ। ढूँढ़ता रहा जिसको मैं मजीद़,छः अरब की भीड़ में, उसके नसीब को शून्य दशमलव एक,दूरी से छूकर गुज़रा हूँ। लगाकर तुझ पर,न्यूटन का तीसरा नियम, मैं तेरी प्रतिक्रिया के,इन्तज़ार से गुज़रा हूँ। पलट दिये ऐ लड़की,तूने विज्ञान सारे नियम, तुझे प्यार देकर खुद,तेरे प्यार के इन्तज़ार से गुज़रा हूँ #NojotoQuote #Nojotohindi #khayaleazim #love #pain #feeling #ghazal