माँ लौट आऊँगा साँझ तले अभी जाना है गंतव्य पे,सूरज चढ़ने से पहले पर लौट आऊँगा तरकारी ठंडी होने से पहले और खाऊँगा ..... तवे से उतरे,तेरे हाथ के गरम-गरम,नरम-नरम फुलके वहाँ कहाँ मिलते हैं इतनी ममता भरे। हाँ व्यस्त हूँ,पस्त हूँ,अपने पथ पर आसक्त हूँ न भूल सकता हूँ, न भूला हूँ तुझे वक्त की मार,ढोंगियों की लताड़,और फरेबों के प्रहार याद दिलाते रहते हैं मेरा भी कोई है जिसके लिये मैं ही सब कुछ हूँ। उसका धन,उसका मन,उसका अंश माँ मैं हूँ तेरे लिये और तू है मेरे लिये। हाँ, सपने भी हैं ! पर,तेरी आँखों से नहीं है बड़े। समय पर जल्द ही लौट आऊँगा,अपने सपनों को लेके। तेरी आँखों का तारा हूँ, खुद दमकूँगा तेरी आँखों को चमकाने के लिये। हाँ,माँ मैं लौट आऊँगा,जल्द ही लौट आऊँगा। सांझ ढलने से पहले।। पारुल शर्मा #gif ।। माँ लौट आऊँगा साँझ तले ।। माँ लौट आऊँगा साँझ तले अभी जाना है गंतव्य पे,सूरज चढ़ने से पहले पर लौट आऊँगा तरकारी ठंडी होने से पहले और खाऊँगा ..... तवे से उतरे,तेरे हाथ के गरम-गरम,नरम-नरम फुलके