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एक मुल आधार तत्व राज़ **************************


 एक मुल आधार तत्व राज़
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                  सवाल- आपके ह्रदय में भगवान स्थित है ?
                   (  ज्ञाता , ज्ञान, ज्ञेय ) = शब्दो से जानिए कैसे?
        हे परमत्तव अंश इन तीनों शब्दों में ऊपर के सवाल का ,
       इन्हीं तीनों शब्दो में ही सम्पूर्ण सार तत्व राज़ उपलब्ध है। ।
          जानिए कैसे है? -
     (1) यही एक अर्थ सात्विक ज्ञाता की पहचान से तो -
       भगवान ही आपके और हमारे ,
समस्त प्राणियों के ह्रदय में स्थित होता है।
              इसकी खोज क्रिया ही आपकी एक विशेष पहचान है।
      संसार में व यही मुल तत्वों का ब्रम्ह ज्ञानवर्धक इतिहास,
एक मेरी भी दिव्य अनुभूति शिक्षा का गहन राज भी है।
             (2) इसी का अर्थ आपकी एक राजसी ज्ञाता से -
          भगवान नाम तो केवल बाहरी पृवति बीता हुआ
 पलों का राज़ इतिहास ही है।
         इसको ना जानने की इच्छा ही ज्ञाता ही 
आपके शरीर का प्रत्यक्ष प्रमाण है। ‌
             ( 3) इसी का अर्थ आपकी तामसिक ज्ञाता से -
          कोई धरती पर भगवान नाम की अस्तित्व/वस्तु होती ही 
    नहीं है कहीं पर भी अर्थात भगवान देखा ही नहीं है,
अभी तक किसी ने भी ‌ इतिहास में एक अन्तिम यही क्रिया,
 एक महानतम तमोगुणी विचार भी होता है समस्त धरती पर।
 ज्ञाता ,ज्ञान , ज्ञेय के ऊपर ही इन तीनों प्रारूपों को सरलता से,
 इसमें उल्लेख किया गया है अर्थात कर्ता,करण और
 कर्म के साथ न्यारी -न्यारी चेष्टा भी शामिल है।
 इसी सार अंश में समस्त ब्रम्ह का मुल संग्रह गुप्त योग भी होता है,
केवल इन्ही तीनों शब्दों में -ज्ञाता, ज्ञान और ज्ञेय में ही ।

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