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ग़ज़ल """""" मुझे जबसे तुझसे........ मोहब्बत हुई है

ग़ज़ल
""""""
मुझे जबसे तुझसे........ मोहब्बत हुई है
क़यामत से पहले........ क़यामत हुई है

सुकूँ है बहुत,.......... हूँ बड़े मौज में मैं
मुझे जब से हासिल...... ये तुर्बत हुई है

कि जीता रहा हूँ मैं डर-डर के अब तक
तुम आए.... तो मरने की हिम्मत हुई है

चलो फिर से मरते हैं.. इक-दूजे पे हम
बुढ़ापे में दोनों को........ फ़ुरसत हुई है

कि जब भी मुझे..... ज़िंदगी ने पुकारा
नफ़स की उसी वक़्त.. किल्लत हुई है

मेरा नाम कैसे........ अमीरों में आया
शरारत नहीं,.........ये सियासत हुई है

जो चूमा लहद को... मेरी उसने आके
मेरी लाश में......... एक हरकत हुई है #हरकत #लाश #नाम #लहद #सियासत
#ज़िंदगी #हिम्मत #ghumnamgautam
ग़ज़ल
""""""
मुझे जबसे तुझसे........ मोहब्बत हुई है
क़यामत से पहले........ क़यामत हुई है

सुकूँ है बहुत,.......... हूँ बड़े मौज में मैं
मुझे जब से हासिल...... ये तुर्बत हुई है

कि जीता रहा हूँ मैं डर-डर के अब तक
तुम आए.... तो मरने की हिम्मत हुई है

चलो फिर से मरते हैं.. इक-दूजे पे हम
बुढ़ापे में दोनों को........ फ़ुरसत हुई है

कि जब भी मुझे..... ज़िंदगी ने पुकारा
नफ़स की उसी वक़्त.. किल्लत हुई है

मेरा नाम कैसे........ अमीरों में आया
शरारत नहीं,.........ये सियासत हुई है

जो चूमा लहद को... मेरी उसने आके
मेरी लाश में......... एक हरकत हुई है #हरकत #लाश #नाम #लहद #सियासत
#ज़िंदगी #हिम्मत #ghumnamgautam