मेरी प्यारी कविता, जो बीत गयी,वो बात गयी, अब उस बात का रोना क्या। एक नया सवेरा आएगा, हम ये सोचे अब होना क्या। भूतकाल को तो काल निगल गया, भविष्य की चिंता में खोना क्या। @mopriya........... #newyear#keepsupport# नयी यादे, नयी बाते, नया आगाज़ होगा। नये सपने, नये अपने,नया अंदाज़ होगा। deepshi bhadauria